Frist three Months of Pregnancy (गर्भावस्था के पहले तीन महीने : कैसी हो दिनचर्या एवं क्या हो एहतियात ?)
गर्भावस्था के
पहले
तीन
महीने : कैसी हो दिनचर्या एवं क्या हो एहतियात ?
(English Translation of this Article are invited from Readers)
गर्भावस्था की खबर
सुनते ही आपकी
खुशी का ठिकाना
नहीं रहता तथा
आप अपनी तैयारियों
में लग जाते
हैं। लेकिन इन
तैयारियों को शुरु
करने से पहले
आपको स्वयं के
अंदर पल रही
उस जान की
फिक्र करने की
जरुरत है। गर्भावस्था
के पहले तीन
महीने बहुत महत्वपूर्ण
होते हैं। इस
दौरान हमारा शरीर
कई शारीरिक व
हार्मोनल बदलावों से गुजरता
है। गर्भावस्था महिला
के जीवन का
सबसे सुंदर चरण
है तथा आने
वाला बच्चा सेहतमंद
हो इसके लिए
आपको कुछ एहतियात
बरतने की आवश्यकता
है। साथ ही
कुछ जरुरी बातों
को जानना भी
अहम है। इन
मूल्यवान बातों के लिए
इस लेख को
आगे पढ़ें।
- दम्पति आपसी प्रेम और देखरेख पर विशेष ध्यान दे ।
- हड्डियों के लिये कैल्शियम इसके लिए आप दूध या दूध से बनें वाले अन्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।
- हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आप हर रोज 600 मिलीलीटर दूध पिएं या दूध से बनें वाली अन्य चीजों को खाएं।
- शरीर को जरुरी पोषक तत्व प्रदान करें इसके लिए आप अपने आहार में हरी सब्जियों सहित दालों, फलों व मेवों को शामिल करें। प्रोटीन के लिए अंड़ा, मांस व मछली का सेवन करें।
- विटामिन डी अंडा, दूध,
मछली विटामिन डी से समृद्ध
होती हैं। इसके अलावा
सुबह की सैर भी
आपकी विटामिन डी की कमी
को पूर कर देगी।
- ओमेगा -3 फैटी एसिड यह आपके बच्चे के मस्तिष्क, तंत्रिका प्रणाली व आंखों के विकास के लिए बहुत जरुरी है। इसलिए अपने आहार में ओमेगा -3 फैटी एसिड के सेवन को बढाएं।
- नियमित खाएं हर 2 से 3 घंटों के बाद नियमित मात्रा में कुछ ना कुछ खाते रहें। इस तरह आप शिशु की जरुरतों को पूरा करेंगे।
- आयरन व फोलिक
एसिड की गोलियां इस
खुराक की मदद से
शिशु की रीढ़ की
हड्डी को व तंत्रिका
कोशिकाओं को विकसित होने
में मदद मिलती है।
इस खुराक को पूर्व-गर्भाधान एवं गर्भावस्था के
प्रारंभिक चरण में लेना
बहुत महत्वपूर्ण है।
- धीरे धीरे वजन बढ़ाइये बच्चे के सही विकास के लिए आपको अपना वजन पहले तीन महीनों में 0.5 से लेकर 2 किलो तक बढ़ा लेना चाहिए।
- बेकार में किसी भी दवा का सेवन ना करें क्योंकि आप द्वारा ली गई कोई भी दवा गर्भनाल के माध्यम से बच्चे के खून में प्रवेश कर सकती है। अतः गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में किसी भी दवा को डॉक्टर की सलाह के बीना ना लें।
- गर्भावस्था में मसालेदार व चटपटे व्यंजनों का सेवन ना करें इस दौरान कच्चे मांस, कच्चे अंडे व पनीर के सेवन से भी पहरेज करें क्योंकि इनमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया आपकी शिशु की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- प्रदूषण से बचें एक अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण महिलाएं प्राक्गर्भाक्षेपक का शिकार हो सकती हैं या बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है। इन कारणों की वजह से आप वायु प्रदूषण से बचें।
- धूम्रपान न करें गर्भावस्था के दौरान सक्रिय व निष्क्रिय धूम्रपान दोनों की बच्चे की सेहत के लिए हानिकार हैं। धूम्रपान से बच्चे की जान को खतरा हो सकता है या उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
- शराब ना पियें पोषक तत्वों की तरह शराब या अन्य नशीले पदार्थ भी गर्भनाल के माध्यम से बच्चे के खून में प्रवेश कर सकते हैं। अत्यधिक शराब का सेवन बच्चे की मानसिक व शारीरिक विकास में बाधाएं पैदा कर सकती है।
- तनाव मिस्केरज का कारण भी बन जाता है तनाव व अन्य नकारात्मक भावनाएं आपके बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं। कई बार तनाव मिस्केरज का कारण भी बन जाता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान जितना हो सके खुश रहें।
- गर्भावस्था में कभी भी डायटिंग ना करें डायटिंग आपके शरीर को आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन एवं खनिज जैसे पोषक तत्वों से वंचित रखती है। डायटिंग आपके व आपके बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदायक है।
- हॉट टब व सॉना का उपयोग ना करें ये आपके शरीर के तापमान को बढ़ा सकते हैं तथा निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं जो सीधे आपके बच्चे को नुकसान पहुंचाएगा।
- बेवजह तनाव को आमंत्रित ना करे और साथी भी इस बात का विशेष ध्यान रखे ।
- कसरत जरुर करे , योग और सैर(पैदल चलना अर्थात वाकिंग) बेहतर विकल्प है ।
- हास्य और संगीत को अपनी जीवन शैली बनाये ।
संकलन
एवं शोधकर्ता
डॉ.
नीरज मील
(आलेख
अनेकों लेखों का निष्कर्ष है )
satisfy
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