Friday, 14 October 2016

ICEBERG IN HINDI आइसबर्ग

-By Dr. Neeraj Meel
     तापमान में वृद्धि के कारण ग्लेशियर के निचले हिस्से टूट जाते हैं। ये टूटे हुए हिस्से ही आइसबर्ग कहलातें हैं। ये सफेद, नीले,हरे, रंग के होते हैं। ग्लेशियर में मौजूद चट्टानों के कारण कभी -कभी इनका रंग काला भी दिखाई देता है। इनका लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा ही पानी की सतह पर दिखाई पड़ता है। आइये आज हम जाने इससे जुड़े कुछ और बहुत कुछ रोचक विषयों के बारे में 


     इस दुनिया में एक नाम आता है हिमशैल का। हिमशैल (iceberg) मीठे जल के ऐसे बड़े टुकड़े को कहते हैं जो किसी हिमानी (ग्लेशियर) या हिमचट्टान (आइस-शेल्फ़) से टूटकर खुले पानी में तैर रहा हो। उत्प्लावन बल के कारण किसी भी हिमशैल का लगभग दसवाँ हिस्सा ही समुद्री पानी के ऊपर नज़र आता है जबकि उसका बाक़ी नौ-गुना बड़ा भाग जल के नीचे होता है

     हिमानी या हिमनद (अंग्रेज़ी Glacier) पृथ्वी की सतह पर विशाल आकार की गतिशील बर्फराशि को कहते है जो अपने भार के कारण पर्वतीय ढालों का अनुसरण करते हुए नीचे की ओर प्रवाहमान होती है। ध्यातव्य है कि यह हिमराशि सघन होती है और इसकी उत्पत्ति ऐसे इलाकों में होती है जहाँ हिमपात की मात्रा हिम के क्षय से अधिक होती है और प्रतिवर्ष कुछ मात्रा में हिम अधिशेष के रूप में बच जाता है। वर्ष डर वर्ष हिम के एकत्रण से निचली परतों के ऊपर दबाव पड़ता है और वे सघन हिम (Ice) के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। यही सघन हिमराशि अपने भार के कारण ढालों पर प्रवाहित होती है जिसे हिमनद कहते हैं। प्रायः यह हिमखंड नीचे आकर पिघलता है और पिघलने पर जल देता है।

     पृथ्वी पर 99% हिमानियाँ ध्रुवों पर ध्रुवीय हिम चादर के रूप में हैं। इसके अलावा गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों के हिमनदों को अल्पाइन हिमनद कहा जाता है और ये उन ऊंचे पर्वतों के सहारे पाए जाते हैं जिन पर वर्ष भर ऊपरी हिस्सा हिमाच्छादित रहता है।

     ये हिमानियाँ समेकित रूप से विश्व के मीठे पानी (freshwater) का सबसे बड़ा भण्डार हैं[2] और पृथ्वी की धरातलीय सतह पर पानी के सबसे बड़े भण्डार भी हैं।

     हिमानियों द्वारा कई प्रकार के स्थलरूप भी निर्मित किये जाते हैं जिनमें प्लेस्टोसीन काल के व्यापक हिमाच्छादन के दौरान बने स्थलरूप प्रमुख हैं। इस काल में हिमानियों का विस्तार काफ़ी बड़े क्षेत्र में हुआ था और इस विस्तार के दौरान और बाद में इन हिमानियों के निवर्तन से बने स्थलरूप उन जगहों पर भी पाए जाते हैं जहाँ आज उष्ण या शीतोष्ण जलवायु पायी जाती है। वर्तमान समय में भी उन्नीसवी सदी के मध्य से ही हिमानियों का निवर्तन जारी है और कुछ विद्वान इसे प्लेस्टोसीन काल के हिम युग के समापन की प्रक्रिया के तौर पर भी मानते हैं।

    हिमानियों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये जलवायु के दीर्घकालिक परिवर्तनों जैसे वर्षण, मेघाच्छादन, तापमान इत्यादी के प्रतिरूपों, से प्रभावित होते हैं और इसीलिए इन्हें जलवायु परिवर्तन और समुद्र तल परिवर्तन का बेहतर सूचक माना जाता है।

     हिमचट्टान (ice shelf) बर्फ़ का एक तैरता हुआ तख़्ता होता है जो किसी हिमानी (ग्लेशियर) या हिमचादर के ज़मीन से समुद्र की सतह पर बह जाने से बन जाता है। हिमचट्टाने केवल अंटार्कटिका, ग्रीनलैण्ड और कनाडा में मिलती हैं। हिमचट्टानों की मोटाई 100 से 1000 मीटर तक की होती है। पृथ्वी के ठंडे समुद्री क्षेत्रों पर (जैसे कि आर्कटिक महासागर में) स्वयं भी बर्फ़ बनती है लेकिन इसकी मोटाई लेवल ३ मीटर तक की होती है।

     जब साधारण बर्फ़ पानी पर तैरती है तो उसका एक-सातवाँ (1/7) हिस्सा पानी के ऊपर होता है, लेकिन हिमानियों की बर्फ़ साधारण बर्फ़ से अधिक घनी होने के कारण हिमचट्टानों का केवल एक-नौवाँ (1/9) भाग ही पानी से ऊपर होता है।

हिमालय की हिमानियाँ


     हिमालय में हजारों छोटे-बड़े हिमनद है जो लगभग 3350 वर्ग किमी0 क्षेत्र में फैले है। कुछ विशेष हिमनदों का विवरण निम्नवत् है -

  1. गंगोत्री- यह 26 किमी0 लम्बा तथा 4 किमी0 चौड़ा हिमखण्ड उत्तरकाशी के उत्तर में स्थित है।
  2. पिण्डारी- यह गढ़वाल-कुमाऊँ सीमा के उत्तरी भाग पर स्थित है।
  3. सियाचिन - यह काराकोरम श्रेणी में है और 72  किलोमीटर लम्बा है
  4. सासाइनी - काराकोरम श्रेणी
  5. बियाफो - काराकोरम श्रेणी
  6. हिस्पर - काराकोरम श्रेणी
  7. बातुरा - काराकोरम श्रेणी
  8. खुर्दोपिन - काराकोरम श्रेणी
  9. रूपल - काश्मीर
  10. रिमो - काश्मीर, 40  किलोमीटर लम्बा
  11. सोनापानी - काश्मीर
  12. केदारनाथ - उत्तराखंड कुमायूँ
  13. कोसा - उत्तराखंड कुमायूँ
  14. जेमू - नेपाल/सिक्किम, 26 किलोमीटर लम्बा
  15. कंचनजंघा - नेपाल में स्थित है और लम्बाई 16  किलोमीटरकुछ
अन्य  रोचक तथ्य -
  • अंटार्कटिका में अब तक का सबसे बड़ा आइसबर्ग है। इसका कुल क्षेत्रफल 12 हज़ार वर्गमील है।
  • एक आइसबर्ग लगभग 10 वर्षों तक रह सकता है लेकिन ग्रीन हाउस प्रभावों के कारण ये जल्दी पिघल रहे हैं।
  • सन 1912 में ब्रिटेन का टाइटेनिक नामक जहाज आइसबर्ग से टकराने के कारण डूब गया था, जिसमे लगभग 1500 यात्री डूब गए थे।
  • न्यूजीलैंड के कैम्पबेल द्वीप  के समीप 15 बड़े आइसबर्ग देखे गए। 
Source or Reference-
3.https://d13yacurqjgara.cloudfront.net/users/68180/screenshots/1104190/iceberg.jpg
4.http://resources3.news.com.au/images/2014/04/16/1226886/386663-92a5f37c-c45d-11e3-b397-01c2dd417b4d.jpg
5.https://www.google.co.in/imgres?imgurl=http%3A%2F%2Frmzhanxian.com%2Fdata%2Fout%2F43%2F68083482-iceberg-wallpaper.jpg&imgrefurl=http%3A%2F%2Frmzhanxian.com%2Ficeberg-wallpaper.html&docid=asv5kFvMWHaR4M&tbnid=mgPg6HKTIXAoCM%3A&w=1920&h=1080&bih=638&biw=1366&ved=0ahUKEwjPirTSjdzPAhWMto8KHU03ALIQMwhiKCUwJQ&iact=mrc&uact=8
6.https://www.google.co.in/imgres?imgurl=http%3A%2F%2Frmzhanxian.com%2Fdata%2Fout%2F43%2F68083482-iceberg-wallpaper.jpg&imgrefurl=http%3A%2F%2Frmzhanxian.com%2Ficeberg-wallpaper.html&docid=asv5kFvMWHaR4M&tbnid=mgPg6HKTIXAoCM%3A&w=1920&h=1080&bih=638&biw=1366&ved=0ahUKEwjPirTSjdzPAhWMto8KHU03ALIQMwhiKCUwJQ&iact=mrc&uact=8#h=1080&imgdii=mgPg6HKTIXAoCM%3A%3BmgPg6HKTIXAoCM%3A%3BjVt3jhlWPEbexM%3A&w=1920
7.http://assets.inhabitat.com/wp-content/blogs.dir/1/files/2014/04/B31-iceberg-calves-from-the-Antarctic.jpg
8.https://cdn1.img.sputniknews.com/images/103805/88/1038058892.jpg
9.https://hi.wikipedia.org/wiki/हिमशैल 
10.https://hi.wikipedia.org/wiki/हिमचट्टान
11.https://hi.wikipedia.org/wiki/हिमानी 

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