लघु कथा
विदेशी इफेक्ट
"डाक्टर साहब ! ये बुखार बहुत ढीठ है । पहले
सैंतालिस घंटे बाद , फिर बासठ घंटे
बाद, तीसरी बार
इकहत्तर घंटे बाद ....और फिर निन्यानवें घंटे बाद आया, अब फिर आँख दिखा रहा है
।"
लेखक - केदार नाथ 'शब्द
मसीहा'
"अरे ! वाह, क्या घर में मच्छर हैं ?"
"दिखाई तो नहीं देते डाक्टर साहब !"
"कारगिल और POK में हो सकते हैं , जरा
अंदर घुसकर मारो उन्हें ।"
"ओह ! यानि बुखार में भी विदेशी हाथ है ? मैं तो
रोज दवा स्प्रे करता हूँ कमरे में !"
'पर पड़ोस का क्या ?"
"समझ गया सर ! इन पर भी पाकिस्तानी एफेक्ट है
.....हा हा हा ....अब पड़ोस की भी
सफाई करवाता हूँ. '
शब्द मसीहा
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