Saturday, 20 August 2016

FOREIGN EFFECT विदेशी इफेक्ट

लघु कथा
विदेशी इफेक्ट 


          "डाक्टर साहब ! ये बुखार बहुत ढीठ है । पहले सैंतालिस  घंटे बाद   , फिर बासठ  घंटे बाद,   तीसरी बार   इकहत्तर  घंटे बाद ....और फिर निन्यानवें घंटे बाद  आया, अब फिर आँख दिखा रहा है ।"
लेखक - केदार नाथ 'शब्द मसीहा'


"अरे ! वाह, क्या घर में मच्छर हैं ?"

"दिखाई तो नहीं देते डाक्टर साहब !"

"कारगिल और POK में हो सकते हैं , जरा अंदर घुसकर मारो उन्हें ।"

"ओह ! यानि बुखार में भी विदेशी हाथ है ? मैं तो रोज दवा स्प्रे करता हूँ कमरे में !"

'पर पड़ोस का क्या ?"

"समझ गया सर ! इन पर भी पाकिस्तानी एफेक्ट है .....हा हा हा ....अब पड़ोस  की   भी सफाई  करवाता  हूँ. '

शब्द मसीहा

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