लघु कथा
सच कबड़ा होता है
"पापा ! आप न ये गुटखा खाना छोड़ दो, मुझे अच्छा नहीं लगता !""ठीक है बेटा ! मैं कल से
ही छोड़ दूँगा ।"पर दूसरे दिन भी फूले हुए होंठ बता रहे थे कि बाप ने बेटे की
बात नहीं मानी थी । शाम हो चली थी और बेटा घर नहीं लौटा था कालेज से । पिता ने
चिंता करते हुए गाड़ी कालेज की तरफ दौड़ा दी । वहाँ देखा कि बेटा कालेज के पास नशे
में धुत्त है ।
शब्द मसीहा
"ये क्या हाल बना रखा है ? तुमने ड्रिंक भी किया है ?"
" नहीं पापा ! आपने सच नहीं बोला था ।""तो ये क्या तरीका है ? तुम खुद को नशे में डुबो दोगे !""पापा ! सच कबड़ा होता है !"बाप को अपने तुतलाते बेटे पर हंसी आ
गयी ।
"पागल ! इतना प्यार करता है रे कोई ?"
बाप को एहसास हो गया था
सच कड़वा होता है पर मीठा लगता है जब कोई अपना कहता है ।
अगले ही पल गुटखा जमीन पर था और बेटा बाहों में ।
शब्द मसीहा
"पापा ! आप न ये गुटखा खाना छोड़ दो, मुझे अच्छा नहीं लगता !""ठीक है बेटा ! मैं कल से
ही छोड़ दूँगा ।"पर दूसरे दिन भी फूले हुए होंठ बता रहे थे कि बाप ने बेटे की
बात नहीं मानी थी । शाम हो चली थी और बेटा घर नहीं लौटा था कालेज से । पिता ने
चिंता करते हुए गाड़ी कालेज की तरफ दौड़ा दी । वहाँ देखा कि बेटा कालेज के पास नशे
में धुत्त है ।
शब्द मसीहा
"ये क्या हाल बना रखा है ? तुमने ड्रिंक भी किया है ?"
" नहीं पापा ! आपने सच नहीं बोला था ।""तो ये क्या तरीका है ? तुम खुद को नशे में डुबो दोगे !""पापा ! सच कबड़ा होता है !"बाप को अपने तुतलाते बेटे पर हंसी आ
गयी ।
"पागल ! इतना प्यार करता है रे कोई ?"
बाप को एहसास हो गया था
सच कड़वा होता है पर मीठा लगता है जब कोई अपना कहता है ।
अगले ही पल गुटखा जमीन पर था और बेटा बाहों में ।
शब्द मसीहा
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