हाल में प्रधानमंत्री ने एक नया नारा दिया “मेक इन इंडिया”, उद्देश्य था
स्वदेशी को बढावा ताकि देश की पूंजी देश में रहे ना की देश के बाहर जायेA वास्तव में ये देश हित में वो विचार है जो देश में रोज़गार को बढावा देने के
साथ-साथ, उद्यमिता को आगे लाने में सार्थक भूमिका का निर्वहन भी करता हैA लेकिन इसका प्रयोजन देशी के नाम पर विदेशो को फायदा पहुचाया जाना कदापि न तो था
और न रहेगाA
डॉ. नीरज मील
18 फ़रवरी 2016 को एक स्मार्टफोन लांच किया
गया है और ये चर्चा में इसलिए नहीं रहा कि इसका प्रमोचन भाजपा के वरिष्ठ नेता
मुरली मनोहर जोशी व रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर जैसे बड़े नेताऔ ने किया बल्कि
अपनी कीमत की वजह से चर्चा में खास बन गया A भारत में इसकी कीमत हर किसी की जुबान पर चढ़ चुकी है, मात्र
251 रुपये में फ्रीडम251 फोन में 1.3 गीगाहर्टज क्वाडकोर प्रोसेसर है। साथ ही
1जीबी रैम और 2जीबी इंटरनल मैमेरी है। दावा यह भी है कि फोन पूरी तरह स्वदेशी है।
मैन्युफैक्चरिंग से लेकर असेंबलिंग तक भारत में ही हुआ है। इस फोन में 8 जीबी की
इंटरनेल मेमोरी है जिसे बढ़ाकर एसडी कार्ड के जरिए 32जीबी तक किया जा सकता है। इसी
वजह से भारत में आम और खास की चर्चा इन दिनों केवल सबसे सस्ते स्मार्ट फोन को लेकर शुरू होती है और इसी पर
समाप्त जाती हैA इस फ़ोन को लेने के लिए इंडिया क्रेजी हो गया है इस के बाद
भी इंडिया में फ़ोन को बुक करने के लिए लगातार ट्रैफिक का दवाब बढ़ता जा रहा है कई
सर्वर इंडिया पर ट्रैफिक लोड के कारण बैठ गए जबरदस्त क्रेज के चलते वेबसाइट पर प्रति सेकेंड 6 लाख हिट आ रहे थे। फ्रीडम फ़ोन बनाने वाली
कंपनी रेगिंगबेल्स का ये पहला अवसर है जब वो मोबाइल फ़ोन के सबसे सस्ते बाजार में
आई है।
इसी बीच भाजपा
सांसद किरीट सोमैया ने दुनिया के सबसे सस्ते
स्मार्टफोन ‘फ्रीडम 251’ को एक बहुत बड़ा घोटाला बताया है। सोमैया
के मुताबिक यह कंपनी 251 रुपए के नाम पर उपभोक्ताओं को ठगने का काम कर रही है। सोमैया के
मुताबिक यह अब तक का सबसे बड़ा पॉन्जी स्कैम होगा। वास्तव में देखा जाये तो बहुत से यक्ष
प्रश्न इसी चर्चा के साथ मजबूती के साथ खड़े भी हो गए है जो उपरी तौर पर आशंका की
प्रकृति के नज़र आते है। एक बहुत बड़ा वर्ग अब देश में विचारको का
भी उभर रहा है । इस फोन को लेकर सवाल ये है कि फ्रीडम 251 स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी ‘रिंगिंग बेल’ ने भारत में महज तीन महीने पहले ही अपना पंजीयन करवाना, अभी तक उसके मालिक के नाम का भी खुलासा न होना, कंपनी का कोई मैन्यूफैंक्चरिंग यूनिट का न होना है जिससे यह पता चले कि आखिर इसका उत्पादन कैसे हो रहा है, कई नामी कंपनियां इतना सस्ता स्मार्टफोन देने में नाकाम रहने के बावजूद तीन महीने पुरानी कंपनी का महज 251 रुपए में
स्मार्टफोन देने, आईसीए के मुताबिक सब्सिडी देने के बावजूद भी कोई स्मार्टफोन 3,000 रुपए से
ज्यादा सस्ता नहीं हो सकने की रिपोर्ट
जैसे कई प्रश्न हैं जो अभी तक शांत नहीं है ।
कही इस योज़ना
का भविष्य भी वैसा ही न हो जैसा ऑनलाइन सर्वे
कंपनी ‘स्पीकएशिया’ का था वो कंपनी भी लोगों का पैसा लेकर भाग गई थी। कंपनी अगर मोबाइल
फ़ोन उपलब्ध नहीं करवाती तो मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन को जरूर झटका लग सकता है। हालांकि नोएडा स्थित रिंगिंग बेल्स ने भारत का सबसे
सस्ता स्मार्टफोन फ्रीडम 251 पेश किया
है। कंपनी ने इस स्मार्टफोन की कीमत महज 251 रूपए रखी है। महज 251 रूपए की बेहद सस्ता कीमत में आए फ्रीडम 251 स्मार्टफोन को लेने को लेकर लोगों में
जरदस्त रेस्पॉन्स है। लेकिन फ्रीडम 251 ही इस
कंपनी का सस्ता प्रोडक्ट नहीं बल्कि रिंगिंग बेल्स इससे पहले भी बेहद सस्ती कीमत
में बेल 4यु मल्टीमीडिया मोबाइल, बेल मास्टर फोन तथा बेल स्मार्ट 101 स्मार्टफोन और एक पावर बैंक कीवी लॉन्च कर चुकी है।
लेकिन इन सब के बावजूद हकीकत यही रही है कि सस्ते स्मार्ट फ़ोन का सपना
सपना ही रहा और जिन लोगो ने पैसे चुकाए वो ठगे जा चुके है और लोगो को सस्ते का सपना दिखाकर लुटने को भारत सरकार की हरी झंडी भी मिल गयी है।
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