Wednesday, 17 February 2016

POET ON Spring बसन्त

स्वर्ग का नूर बसता है बसन्त में, ज़िन्दगी का सूर बसता है बसन्त में !
खिलते हैं प्रकृति के रंग सब ओर तभी जीवन में हर रंग जमता है बसन्त में !!